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मंगलवार, 20 मार्च 2018

हनुमानजी के 5 सगे भाई थे

पुराणों में ऐसी कई बातें ल‍िखी हुई हैं, जिसे जानकर लोग हैरत में पड़ जाएं. वैसे तो रामभक्त हनुमान की कीर्ति रामचरितमानस में भरपूर गाई गई है. पर पुराण में उनके बारे में एक बेहद गूढ़ जानकारी मिलती है. पुराण में कहा गया है कि हनुमानजी के 5 सगे भाई थे, जो विवाहित थे.

'ब्रह्मांडपुराण' में वानरों की वंशावली के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है. इसी में हनुमानजी के सगे भाइयों के बारे में जिक्र मिलता है. अपने भाइयों के बीच हनुमानजी सबसे बड़े थे. उनके अन्य भाइयों के नाम हैं- मतिमान, श्रुतिमान, केतुमान, गतिमान, धृतिमान. उनके अन्य सभी भाई विवाहित थे और सभी संतान से युक्त थे.

'ब्रह्मांडपुराण' में ल‍िखा है कि केसरी ने कुंजर की पुत्री अंजना को पत्नी के रूप में स्वीकार किया. अंजना रूपवती थीं. इन्हीं के गर्भ से प्राणस्वरूप वायु के अंश से हनुमान का जन्म हुआ. इसी प्रसंग में हनुमान के अन्य भाइयों के बारे में बताया गया है.

ब्रह्मचारी हनुमान

इसके अलावा जिन हनुमान जी को ब्रह्मचारी कहा जाता है, उनकी शादी भी हुई थी। उनके पुत्र का नाम मकरध्वज है। लेकिन इसके अलावा उनके पांच भाई भी थे, क्या आप जानते हैं?

हनुमान जी के पांच सगे भाई

जी हां... हनुमान जी के पांच सगे भाई थे और वो पांचों ही विवाहित थे। यह कोई कहानी या मात्र मनोरंजन का साधन बनाने के लिए हवा में बताई गई बात नहीं है, बल्कि सच्चाई है। हनुमान जी के पांच सगे भाई थे, इस बात का उल्लेख 'ब्रह्मांडपुराण' में मिलता है।

ब्रह्मांडपुराण के अनुसार

इस पुराण में भगवान हनुमान के पिता केसरी एवं उनके वंश का वर्णन शामिल है। बड़ी बात यह है कि पांचों भाइयों में बजरंगबली सबसे बड़े थे। यानी हनुमानजी को शामिल करने पर वानर राज केसरी के 6 पुत्र थे।

सबसे बड़े थे बजरंगबली

बजरंगबली के बाद क्रमशः मतिमान, श्रुतिमान, केतुमान, गतिमान, धृतिमान थे। इन सभी के संतान भी थीं, जिससे इनका वंश वर्षों तक चला। हनुमानजी के बारे जानकारी वैसे तो रामायण, श्रीरामचरितमानस, महाभारत और भी कई हिंदू धर्म ग्रंथों में मिलती है। लेकिन उनके बारे में कुछ ऐसी भी बातें हैं जो बहुत कम धर्म ग्रंथों में उपलब्ध है 'ब्रह्मांडपुराण' उन्हीं में से एक है।

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