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शुक्रवार, 19 अप्रैल 2013

संतरे के छिलकों के अदभूत फायदे

संतरे के छिलकों के अदभूत फायदे

संतरा गुणों की खान होता है। इसमें विटामिन सी एवं फाइबर प्रचुर मात्रा में होते हैं जो आपके शरीर को काफी फायदा पहुंचाते हैं।

लेकिन इसका छिलका कम गुणवान नहीं होता। इसके छिलके में भी सैकड़ों गुण छुपे होते हैं जो आपके शरीर को ढेरों फायदा पहुंचाते हैं। आइये जाने संतरे के छिलकों के कुछ अदभूत फायदे।

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संतरे के छिलकों में विटामिन्स एवं खनिज

संतरे के छिलकों में विटामिन्स एवं खनिज प्रचुर मात्रा में होते हैं। इसमें बी विटामिन्स में विटामिन बी 5 बी 6 और फोलेट पाए जाते हैं जो मष्तिष्क सम्बन्धी अनेकों विकारों को दूर करते हैं जैसे डिप्रेशन (अवसाद), तनाव, चिंता, माईग्रेन, इत्यादि। बी विटामिन्स आपकी तंत्रिका तंत्र (नर्वस सिस्टम) को भी स्वस्थ रखते हैं।

संतरे के छिलकों में विटामिन सी

संतरे के छिलकों में विटामिन सी भी भरपूर मात्रा में मौजूद रहता है जो आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक प्रणाली को मजबूत करता है जिसकी वजह से रोग आपसे दूर हीं रहते हैं। विटामिन सी की मौजूदगी में कोई भी रोग आपको आसानी से अपना शिकार नहीं बना सकता। विटामिन सी आपकी त्वचा को जवान रखता है एवं उसकी चमक बरक़रार रखता है। यह विटामिन आपके बालों को भी मजबूती प्रदान करता है, बालों को झड़ने से रोकता है एवं बाल घने एवं काला करता है।

संतरे के छिलकों में विटामिन ए

संतरे के छिलकों में विटामिन ए भी काफी मात्रा में पाया जाता है जो आपकी आँखों को तंदरुस्ती प्रदान करता है। यह आपकी आँखों की रोशनी तेज करता है एवं आँखों के आस पास झुर्रियां पड़ने से रोकता है। यह विटामिन आपके शरीर में रक्त संचार भी दुरुस्त करता है जिससे आप सदैव स्वस्थ रहते हैं। यह विटामिन आपके बालों को भी मजबूती प्रदान करता है जिससे आपके बाल घने होते हैं एवं जल्दी झड़ते नहीं हैं।

संतरे के छिलकों में कैल्सियम

संतरे के छिलकों में कैल्सियम प्रचुर मात्रा में विराजमान रहता है जो आपकी हड्डियों की तंदुरुस्ती के लिए अति आवश्यक है। इससे आपकी हड्डियां मजबूत होती हैं तथा आपको ओस्टोपोरोसिस होने खतरा नहीं रहता।

संतरे के छिलकों दिल की बीमारियों में लाभकारी

संतरे के छिलकों में कई ऐसे गुण पाए जाते हैं जो दिल की बीमारियों को दूर करते हैं और इस तरह से इसका सेवन करने वाला व्यक्ति हार्ट एटेक, स्ट्रोक, हाई ब्लड प्रेशर जैसे रोगों से बचा रहता है। इन सबका एक प्रमुख कारण यह है कि संतरे के छिलके कोलेस्ट्रोल को कम करते हैं जिसकी वजह से आपकी रक्त वाहिनियाँ प्लेक से अवरोधित नहीं होतीं और आपके शरीर में रक्त संचार सुचारू रूप से होता रहता है।

संतरे के छिलके कब्ज में फायदेमंद

संतरे के छिलकों में पेक्टिन पाया जाता है जिसे प्राकृतिक फाइबर के रूप में भी जाना जाता है। इसकी वजह से आपकी पेट की सारी बीमारियाँ दूर रहती हैं। यह कब्ज को दूर करने में बहुत हीं प्रभावकारी होता है।

वजन को नियंत्रण में रखना

संतरे के छिलकों में ऐसे गुण होते हैं जो आपकी भूख को नियंत्रण में रखते हैं तथा वजन बढ़ने नहीं देते। जिनका वजन बढ़ गया है उनके लिए यह बहुत हीं उपयोगी है क्योंकि यह प्राकृतिक रूप से वजन कम करता है; आपके शरीर को बिना कोई नुकसान पहुंचाए।

कैंसर से बचाव करना

संतरे के छिलके आपको फेफड़ों के कैंसर से भी बचाते हैं, । इसके अलावा यह स्तन कैंसर, कोलोन कैंसर, पेट के कैंसर, गले के कैंसर, इत्यादि से भी आपका बचाव करता है।

इसका प्रयोग कैसे करें ?

आप संतरे के छिलकों को सुखाकर उसकी चाय बनाकर पी सकते हैं जिससे आपका वजन कम हो सकेगा एवं आपको अन्य लाभ भी मिलेंगे। अक्सर संतरे के छिलकों को सुखाकर उसका पाउडर तैयार कर लिया जाता है फिर उसे चाय के रूप में पीया जाता है या अन्य खाद्य पदार्थों के साथ। मेडिकल स्टोर्स में इसके पाउडर इसके उपयोग की विधि के साथ उपलब्ध रहते हैं।

पुदीना के गुण की वजह से ग्रीष्म ऋतु में यह अत्यधिक लाभप्रद है।

यूँ तो कई पौधे ऐसे हैं जिनकी पत्तियाँ मानव शरीर के लिए औषधि के रूप में बहुउपयोगी हैं। पुदीना सर्वसुलभ,
कम जगह में बिना जड़ के ही आसानी से लगने वाला व
सुगंध में मन को मोहने वाला होता है। वैसे तो बारह महीने ही यह किसी न किसी रूप में उपयोगी है किंतु इसके शीतलता के गुण की वजह से ग्रीष्म ऋतु में यह अत्यधिक लाभप्रद है।
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1- इन दिनों अक्सर खाने-पीने में थोड़ी-सी गड़बड़ हुई
नहीं कि अजीर्ण की शिकायत हो जाती है। ऐसे में पुदीने
के रस में काला नमक मिलाकर चाट लेने पर तुरंत असर
करता है।

2- अधिक गर्मी बहुत बार उल्टी-दस्त का कारण बनजाती है, जिससे रोगी कुछ ही देर में परेशान हो जाता है। ऐसे रोगी को पुदीने का शरबत बनाकर पिलाएँ।
पुदीना चटनी की तरह पीसकर मिश्री या शकर के  पानी में मिक्स करके छान लें। शीघ्र ही ताजा शरबत बन जाएगा। दही में पुदीना मिलाकर खिलाने से भी रोगी को रोग से शीघ्र राहत मिलती है।

3- लू इन दिनों की गंभीर समस्या है। इससे बचाव के लिए पुदीने की पत्तियाँ व जीरे को 4-5 घंटे भिगो दें। फिर
इसे महीन पीस लें। इसमें नमक व  हल्की सी चीनी मिलाकर पेय बनाएँ और दिन में दो बार  पिएँ। आप लू से बचे रहेंगे।

4- गर्मियों में जलन होना, पेशाब रुक-रुककर आना या कम होना जैसे रोगों में भी पुदीना रामबाण औषधि है। पुदीने की पत्तियाँ धोकर मिश्री और थोड़ा सा सूखा धनिया मिलाकर पीस लें। इस पेस्ट को पानी में घोल-छानकर दिन में 2-3 बार पीना फायदेमंद  होता है।

5- पुदीना, काली मिर्च, हींग, सेंधा नमक, मुनक्का, जीरा, छुहारा सबको मिलाकर चटनी पीस लें। यह चटनी पेट के कई रोगों से बचाव करती है व खाने में भी स्वादिष्ट होती है। भूख न लगने या खाने से अरुचि होने पर भी यह  चटनी भूख को खोलती है।

6- यदि आपको टांसिल की शिकायत रहती है, जिनमें
अक्सर सूजन हो जाती हो तो ऐसे में पुदीने के रस में
सादा पानी मिलाकर गरारा करना चाहिए।

7- दिनभर बाहर रहने वाले लोगों को तलुओं में जलन  की शिकायत रहती है, ऐसे में उन्हें फ्रिज में रखे हुए पिसे पुदने को तुलओं पर लगाना चाहिए, राहत मिलती है

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